
होलीके त्योहार का सभी को इंतजार है लेकिन जब दिमाग में रंग छुड़ाने की बात याद आती है तो चेहरे पर सिकन आ जाती है। होली में इस्तेमाल होने वाले रंगों में केमिकल के साथ ऐसे तत्व मिले होते हैं जो त्वचा पर लंबे समय तक चिपक जाता है। ऐसे में होली की मस्ती और रंग गुलाल में सराबोर होने से पहले जरूरी सावधानियां बरत लें तो रंगों से परेशान नहीं होना पड़ेगा।
रंग खेलने से पहले त्वचा पर तेल लगाएं
रंग खेलने और उससे होने वाली परेशानी से बचाव के लिए त्वचा पर तेल लगाना जरूरी होता है। ऑलिव ऑयल के साथ नारियल, सरसों का तेल लगा सकते हैं। इससे रंग में मौजूद हानिकारक तत्व त्वचा के भीतर नहीं जाते हैं। इसी तरह एसपीएफ-30 सन्सक्रीम लगाएं इससे त्वचा खराब होने से बचती है रंग शरीर के भीतर नहीं जा पाता है।
शरीर में न हो पानी की कमी
होली के दिन लोग रंग खेलने में इतने व्यस्त हो जाते हैं उन्हें खाने-पीने का भी ध्यान नहीं रहता है। ऐसे में इस त्योहार के दिन पानी और जूस पीते रहें। इससे त्वचा में नमी बनी रहेगी। त्वचा के सूखने पर उसमें दरार जैसे लक्षण आकृति दिखने लगती है। रंगों से बचाव के लिए फुल आस्तीन के कॉटन के कपड़े पहनें। बहुत देर तक खुद को गीला न रखें। हल्का कपड़ा पहनेंगे तो शरीर की त्वचा की नमी संतुलित रहेगी।
हर्बल रंग का प्रयोग फायदेमंद
हर्बल कलर से त्वचा या शरीर के किसी दूसरे हिस्से को कोई नुकसान नहीं होता है। होली में फूलों से बने रंग का इस्तेमाल सभी को करना चाहिए क्योंकि ये रंग त्वचा को किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। लाल रंग के लिए रोली या सूखे हुए लाल चंदन का चूरा इस्तेमाल कर सकते हैं। ये रंग त्वचा को नुकसान पहुंचाने की बजाए ठंडक पहुंचाते हैं। टूसू और गेंदे के फूल से बने रंग भी होली की खुशियों को दोगुना कर सकते हैं।
डॉ. कुलसुम मलिक, ब्यूटी एंड हर्बल एक्सपर्ट
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