आने वाले समय में स्मार्टफोन की बैटरी उंगली स्वाइप कर के की जाएगी चार्ज

Publish Date:Wed, 21 Feb 2018 04:38 PM (IST)

नई दिल्ली(टेक डेस्क)। स्मार्टफोन को चार्ज करने की समस्या तो सभी फोन यूजर्स के लिए बड़ी समस्याओं में से एक है। लेकिन अब जल्द ही आप अपने स्मार्टफोन को तुरंत या यूं कहें की इंस्टेंट चार्ज कर पाएंगे। ऐसा ट्रिबोइलेक्ट्रिक चार्जिंग की नई टेक्नोलॉजी के जरिए संभव होगा। 1970 से लेकर अब तक मोबाइल फोन की बिल्ट, कैमरा, प्रोसेसिंग पावर सभी में बड़ा बदलाव आ गया है। फिर भी 40 सालों के विकास के बाद भी बैटरी चार्ज करने की कैपेसिटी में वायरलेस चार्जिंग को छोड़ कर कुछ खास नहीं हुआ है। वायरलेस चार्जिंग भी फोन चार्जिंग में काफी समय लेती है।

नई टेक्नोलॉजी की हुई खोज

अब बैटरी से जुड़े क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव होने वाला है। हो सकता है आने वाला समय में यूजर्स को पावर आउटलेट्स ढूंढ़ने या पॉवरबैंक साथ लेकर चलने की जरुरत ही ना पड़े। चाइनीज अकादमी ऑफ साइंस के साथ मिलकर बफैलो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता एक नई टेक्नोलॉजी लेकर आएं हैं। इसका नाम ट्रिबोइलेक्ट्रिक चार्ज है। इसमें बैटरी चार्ज करने के लिए मैटेलिक टैब और कुछ बॉडी मूवमेंट जैसे उंगली रब करने की जरुरत पड़ती है। कहा जा रहा है इससे स्मार्टवॉच जैसी वियरेबल डिवाइस से लेकर स्मार्टफोन तक चार्ज किया जा सकता है।

ट्रिबोइलेक्ट्रिक कैसे करता है काम?

ट्रिबोइलेक्ट्रिक आसान से स्टैटिक एनर्जी के प्रिंसिपल पर कार्य करता है। इसमें फ्रिक्शन होने पर चार्जिंग होती है। उदाहरण के लिए- अगर कोई व्यक्ति कालीन पर अपने पैर रगड़ता है तो नेगेटिव चार्ज इलेक्ट्रॉन्स कालीन से बॉडी में आएंगे। इससे स्टैटिक एनर्जी पैदा होती है। इसके बाद वो व्यक्ति किसी को छूता है तो टच के जरिए एनर्जी छोटे से करंट के तौर पर शिफ्ट करती है। अब इस एनर्जी का इस्तेमाल मोबाइल डिवाइस को चार्ज करने के लिए किया जाएगा।

फिलहाल यह तो कहा नहीं जा सकता की ट्रिबोइलेक्ट्रिक चार्जिंग टेक्नोलॉजी असल दुनिया में कब तक आ पाएगी। लेकिन शोधकर्ता इसी कोशिश में लगे हैं की ऐसी पोर्टेबल बैटरी बनाई जाए जिसमें इस एनर्जी को स्टोर किया जा सके। उनका मानना है की उनकी इस रिसर्च से वियरेबल ओर अन्य सेल्फ-पावर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज को पावर सोर्स मिल पाएगा।

By Sakshi Pandya

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